Kala Ghoda Art Festival! साल का सबसे बड़ा कार्निवल हो रहा हैं शुरू, जानिए कैसे होगा काला घोड़ा आर्ट फेस्टिवल का भव्य आयोजन!
इस फरवरी भरीये नई उड़ान, अपनी चाहत को लगाकर खुशियों के पंख, खो जाइये काला घोड़ा आर्ट फेस्टिवल की गलियों में। जहाँ रंगमंच हैं, डांस है , संस्कृत कला का अनोखा मेल हैं, गीत हैं, संगीत हैं और ढेर सारी मस्ती हैं। एक ही जगह लाखो रंग हैं ,जिसमें सराबोर होने के लिए हर कोई इस खास दिन का साल से इंतजार करता हैं।
जी हां, काला घोड़ा की पथरीली सड़के फिर से इस महोत्सव के लिए चकाचौंध होने जा रही हैं। कोरोना काल में जो गलियां बेजान पड़ी थी अब दम भरने के लिए तैयार हो गयी हैं।
• जब दुनियां कोरोना महामारी से थम गई थी तब काला घोड़ा आर्ट फेस्टिवल ने बिना रुके 9 दिनों में 70 ऑनलाइन प्रोग्राम के जरिये डिजिटल की दुनिया में सफलतापूर्वक दस्तक दी।
9 दिन तक होने वाले काला घोड़ा कार्निवाल की रौनक इन खूबसूरत लोकेशन पर होगी जो 100 साल पुरानी पाम्परिक बिल्डिंग तो हैं लेकिन उनकी खूबसूरती बेमिसाल हैं।जैसे, छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय जहाँ पर बच्चों का म्यूज़ियम हैं। कुमरास्वामी हॉल, एम्पिथेटर, वहाँ का लॉन और कुछ बाहरी सुंदर नजारें। मैक्स मूएलर भवन - जहाँ पर कला और वास्तुकारी का अनोखा नजारा देखने मिलता हैं। एन.जी.एम.ए ऑडिटोरिम , हॉर्निम सर्कल गार्डन, किताब खाना और काला घोड़ा की गलियां।
चूंकि इस साल गलियां तो खुली होगी लेकिन महामारी से बचाव हो इसीलिए कम से कम दुकानें लगेंगी
पर ज्यादातर उनमें एरियल विसुअल आर्ट यानि कि हवाई कला दृश्य का नजारा देखने मिलेगा जो इस बार काला घोड़ा आर्ट फेस्टिवल की थीम 'उड़ान' को प्रस्तुत करेगा जो खूबसूरत लाइटिंग से सुसज्जित होंगी।
पिछली बार, कुछ बिल्ड़िंग के बाहरी दीवारों पर खूबसूरत वॉल पेंटिंग की गई थी।लेकिन इस बार काला घोड़ा आर्ट फेस्टिवल में जो स्थापित किया जाएगा उसकी कारीगरी सोच के भी परे होगी। कोविड के नियमों को ध्यान में रखते हुए, सोशल डिस्टेंसिनग और रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा तांकि भीड़ से बचा जा सके। दोहरे टीकाकरण प्रमाणपत्र की जांच होगी। बच्चों को अपने परिवार के साथ रहना अनिवार्य होगा साथ ही आरोग्य सेतु एप की भी जांच होगी।
वर्कशॉप,पारंपरिक चलन और स्ट्रीट प्ले संचालित किए जाएंगे इसके साथ ही साथ विसुअल आर्ट , साहित्यिक कला, थिएटर, सिनेमा , संगीत और डांस इन सभी का अनोखा संगम होगा ।
काला घोड़ा आर्ट फेस्टिवल में आने वालों की भीड़ बेमिसाल हैं । यहाँ पर सारे कार्यक्रम निःशुल्क किये जाते हैं जिसके लिए किसी भी टिकेट का लेन देन नही होता। जो भी लोग इस फेस्टिवल में आएंगे उनका रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। काला घोड़ा फेस्टिवल से जो राशि इक्कठा होती हैं वो वहां की पुरानी और पारंपरिक स्मारक, बिल्डिंग ,आसपास के क्षेत्र की मरम्मत और उनकी रख रखाव में इस्तेमाल की जाती हैं। मुलजी जेठा फाउंटेन, के इ.सायनागोज और बोमन जी हॉर्मोर जी क्लॉक टावर को यूनेस्को अवार्ड से सम्मानित भी किया गया हैं।
काला घोड़ा आर्ट फेस्टिवल की डायरेक्टर बृंदा मिलर कहती हैं कि ' मुम्बई में काला घोड़ा आर्ट फेस्टिवल अपने निर्धारित तारीख पर और वादे को पूरा करने के लिए तैयार हैं । इस 23 वें साल में हम कला और संस्कृत के इस बेजोड़ संगम को सबसे उत्कृष्ट रूप में मनाएंगे।
हमारे साथी और सहयोगी ,एक दूसरे का हाथ थामे हमारे साथ उसी जज्बे के साथ वापसी कर रहे हैं कि इस बार महोत्सव का आगाज और उसका संचालन सबसे ज्यादा धमाकेदार होगा । ज्यादा भीड़ से बचने के लिए और कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए हमारा ज्यादातर फोकस एरियल इंस्टालेशन पर होगा ताकि ग्राउंड एक्टिविटी कम हो।
साथ ही, हमारे स्टॉल वर्चुअल हैं, जिसमें काला घोड़ा आर्ट कार्ट (KGAK) भागीदारी और खरीद दोनों के मामले में दुनिया के लिए बाज़ार खोल रहा है।
और निश्चित रूप से, आर्ट कार्ट 10 दिसंबर से शुरू होकर पूरे साल खुला रहता है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि हर कोई हमारे लौकिक डार्क हॉर्स में शामिल होगा, जिसने उड़ान की अवधारणा के साथ पंख ले लिए हैं, जो 2022 में हमारे वैश्विक पदचिह्न को मजबूत करेगा।"
तो चले और समर्थन करे यहां 22 साल पुराने प्रतिष्ठित महोत्सव को ,जो जीवन के सभी क्षेत्रों से आधा मिलियन से अधिक लोगों को आकर्षित करता है और जिसका विकास आपसी सहयोग, बल और शक्ति से होता हैं।
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